भावी पीढ़ी में सत्संस्कारों के निर्माण हेतु महासभा के दिशा निर्देशन में स्थानीय तेरापंथी सभाओं द्वारा सन् 1992 से ज्ञानशालाओं का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में देश भर में 553 ज्ञानशालाएं संचालित हो रही हैं, जिनमें 18098 ज्ञानार्थी ज्ञान और संस्कारों का अर्जन कर रहे हैं। तेरापंथ युवक परिषद् और तेरापंथ महिला मंडल सहयोगी संस्था के रूप में ज्ञानशाला संचालन में अपना योगदान दे रही है। अध्यापन की युगानुकूल नवीनतम तकनीकों के अनुरूप ज्ञानशालाओं के लिए महासभा द्वारा सॉफ्टवेयर एवं एप तैयार करवाए जा रहे हैं। ज्ञानार्थियों के ज्ञानार्जन का अंकन करने के लिए महासभा द्वारा लिखित परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। महासभा ज्ञानार्थी किट, पाठ्य पुस्तकें आदि आवश्यकतानुसार ज्ञानशालाओं को प्रेषित करती है।
सन् 2002 से महासभा द्वारा ‘ज्ञानशाला प्रशिक्षक प्रशिक्षण’ का कार्य भी व्यवस्थित रूप से किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत प्रायोगिक प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण शिविर एवं लिखित परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इस त्रिदिवसीय प्रशिक्षण की तीन श्रेणियां निर्धारित हैं- विज्ञ, विशारद एवं स्नातक। 3885 प्रशिक्षक इन तीनों श्रेणियों के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर ज्ञानशालाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
ज्ञानार्थियों के ज्ञान और संस्कारों के विकास की दृष्टि से महासभा द्वारा निर्धारित प्रारूप एवं आचार-संहिता के अनुरूप संचालित ज्ञानशालाओं में से विभिन्न श्रेणियों में चयनित ज्ञानशालाओं, प्रशिक्षकों, ज्ञानार्थियों, सहयोगियों, संचालक संस्थाओं, प्रशिक्षण परीक्षा में प्रथम तीन स्थान प्राप्त प्रशिक्षकों आदि को अखिल भारतीय स्तर पर वरीयता के आधार पर प्रतिवर्ष/पुरस्कृत किया जाता है।
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