आधी सदी से भी ज्यादा समय से तेरापंथ धर्मसंघ के महनीय आयोजनों के समायोजन का सौभाग्य महासभा को प्राप्त होता रहा है। तेरापंथ धर्मसंघ की स्थापना के दो सौ वर्षों की संपन्नता के उपलक्ष्य में सन् 1960 में तेरापंथ द्विशताब्दी समारोह के भव्य एवं गरिमामय आयोजन से प्रारंभ हुआ महासभा का यह सुनहरा सफर धर्मसंघ की उन्नति और प्रभावना का परचम फहराता रहा है। धर्मसंघ के विविध महत्वपूर्ण प्रसंगों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल एवं गरिमापूर्ण रूप में समायोजित करने का सौभाग्य महासभा को प्राप्त हुआ।
इन अवसरों पर महासभा द्वारा संघ विकास एवं संघ प्रभावना तथा लोक कल्याण के अनेकानेक आध्यात्मिक एवं सामाजिक उपक्रम आयोजित किए गए। इन प्रसंगों पर महासभा द्वारा प्रकाशित अनेक ग्रंथ और शताधिक अन्य पुस्तकें धर्मसंघ की अमूल्य धरोहर हैं। महासभा के प्रयास से भारत सरकार ने आचार्य भिक्षु निर्वाण द्विशताब्दी के परिपेक्ष्य में डाक टिकट और आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में ₹5 के सिक्के जारी किए। इसके साथ बीकानेर से चेन्नई जाने वाली एक रेल का नाम भी भारत सरकार द्वारा अणुव्रत एक्सप्रेस किया गया।