भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रख्यात कोलकाता के केन्द्र स्थल में 70 से अधिक वर्षों से महासभा के मुख्यालय के रूप में प्रतिष्ठित महासभा भवन सामाजिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों का महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। ब्रेबोर्न रोड पर पोर्तुगीज चर्च के पास लगभग 28 कट्टे जमीन में निर्मित तीन मंजिला महासभा भवन दूर से ही आस्थाशील श्रावक समाज को आकर्षित करता है। भवन में निर्मित प्रधान कार्यालय, विशाल प्रवचन सभागार, उपासना कक्ष, भिक्षु ग्रंथागार आदि इसके वैशिष्ट्य एवं उपादेयता को कई गुना बढ़ाए हुए हैं। अब तक चारित्रात्माओं के 26 चतुर्मास महासभा भवन में हो चुके हैं। सर्वप्रथम गुरुदेव तुलसी ने सन् 1959 का चातुर्मास इस भवन में किया था। उस चातुर्मास की संपूर्ण व्यवस्थाओं के दायित्व का निर्वहन का सौभाग्य भी महासभा को प्राप्त हुआ। यह भवन कोलकाता तेरापंथ समाज की विभिन्न धार्मिक-सामाजिक गतिविधियों के मुख्य केन्द्र के रूप में भी प्रतिष्ठित रहा है। कई दशकों से यहां जैन श्वेताम्बर तेरापंथी विद्यालय भी संचालित है, जो किसी समय अपनी विशिष्ट पहचान लिए हुए था। 17 जून 2017 को परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी का पदार्पण और प्रवास महासभा भवन में हुआ। आचार्यश्री ने उस दिन महासभा को ‘संस्था शिरोमणि’ का गौरवपूर्ण अलंकरण प्रदान किया।